मेट्रीमोनियल साइट पर दोस्ती, क्रिप्टोकरेंसी में निवेश का लालच… महिला ने कंसल्टिंग फर्म के CEO को ऐसे लगाया लाखों का चूना

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मेट्रीमोनियल साइट के जरिए धोखाधड़ी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. यूपी पुलिस में डीएसपी श्रेष्ठा ठाकुर भी यहां धोखे का शिकार हो चुकी हैं. एक शख्स ने खुद को आईआरएस अधिकारी बताकर उनसे शादी कर ली. लेकिन बाद में पता चला कि वो तो एक ठग है, जिसने अपना फर्जी नाम और पहचान बताकर पीपीएस से जालसाजी की है. इस सच को जानने के बाद महिला अफसर के पैरों तले जमीन खिसक गई थी. कुछ इसी तरह का मामला गुरुग्राम के एक कंसल्टिंग फर्म के सीईओ के साथ भी हुआ है.

पीड़ित सीईओ और एक महिला की मुलाकात मेट्रीमोनियल साइट जीवनसाथी.कॉम पर हुई थी. उस वक्त महिला ने बताया था कि वो लंदन में रहती है, लेकिन कोलकाता की मूल निवासी है. दोनों के बीच दोस्ती जब गहरी हो गई तो उसने सीईओ से डीनकॉइन नामक क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने का लालच दिया. इस तरह एक एक करके 38 लाख रुपए ठग लिए. पैसे ठगे जाने के बाद पीड़ित को समझ आया कि वो महिला फर्जी है. इसके बाद उन्होंने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

कंसल्टिंग फर्म के कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) नमन अग्रवाल द्वारा दायर की गई शिकायत के अनुसार, नवंबर 2023 में जीवनसाथी.कॉम पर उनकी मुलाकात रिद्धि शर्मा नामक महिला से हुई थी. उसने दावा किया कि वो पिछले पांच साल से लंदन में रह रही है. वो कोलकाता की मूल निवासी है. नमन ने बताया, “एक दिन उसने मुझे क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने का लालच दिया और डीनकॉइन की वेबसाइट पर मेरा ट्रेडिंग अकाउंट बना दिया. इस वेबसाइट का लिंक उसके द्वारा व्हाट्सएप पर भेजा गया था.”

”ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की ग्राहक सेवा टीम से भी व्हाट्सएप के माध्यम से संवाद किया गया था. उसने मुझसे शुरुआत में 10 लाख रुपए निवेश करने के लिए कहा था. उसका कहना था कि वो इतनी ही रकम मेरे ट्रेडिंग खाते में ट्रांसफर कर देगी. 20 दिसंबर को डीनकॉइन कस्टमर हेल्प टीम से व्हाट्सएप पर एक मैसेज मिला कि रिद्धि शर्मा द्वारा ट्रांसफर की गई रकम मनी लॉन्ड्रिंग है. इसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही हो सकती है.” इसके बाद नमन से कहा गया कि उतनी ही रकम दोबारा जमा करें, वरना बचे पैसे फ्रीज हो जाएंगे.

इसके बाद मजबूरन नमन अग्रवाल ने 10 लाख रुपए दोबारा जमा किए. फिर उनसे अपना पैसा निकालने के लिए कहा, लेकिन ठग इतने से ही नहीं माने उनसे फीस के नाम पर पैसे लेते गए. इस तरह कुल 38 लाख रुपए उनसे ठग लिए गए. इसके बाद उनको समझ में आया कि महिला ने उन्हें जाल में फंसाकर ठगा है. दरअसल ये उनकी मॉडस ऑपरेंडी थी. इसमें पहले एक आदमी को फंसाया जाता है. उसका विश्वास जीता जाता है. उसके बाद उनसे पैसों की ठगी की जाती है. पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है.

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साइबर ठगों ने एक व्यक्ति से 1.28 करोड़ रुपए ठग लिए

इसी तरह गुरुग्राम में ही साइबर जालसाजों ने एक व्यक्ति से एक करोड़ रुपए से अधिक की ठगी कर ली है. उन्होंने पीड़ित को बताया कि उसके द्वारा भेजे गए पार्सल में नशीला पदार्थ मिला है और उसे गिरफ्तार करने की धमकी दी. जालसाजों में से एक ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का इंस्पेक्टर बताया और पीड़ित से जमानत के लिए वकील की व्यवस्था करने को कहा था. गुरुग्राम सेक्टर 83 के निवासी आशीष सरीन ने इस ठगी के संबंध में साइबर क्राइम साउथ पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है.

इस शिकायत के अनुसार, आशीष सरीन को एक कूरियर कंपनी के सीईओ होने का दावा करने वाले एक व्यक्ति का फोन आया. उसने कहा कि उनके द्वारा भेजे गए पैकेट में ड्रग्स पाया गया है. इसे नारकोटिक्स विभाग ने जब्त कर लिया है. सरीन ने कॉलर को बताया कि उसने कोई पार्सल नहीं भेजा है, तो उसने कहा कि किसी ने उसकी आईडी का दुरुपयोग किया होगा. इसके तुरंत बाद उसको एक अन्य व्यक्ति से बात कराई गई. उसने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का इंस्पेक्टर के रूप में पेश किया.

इस शख्स ने पीड़ित को मुंबई आने के लिए कहा और गिरफ्तार करने की धमकी दी. पुलिस ने कहा कि फोन करने वाले ने सरीन को जमानत के लिए वकील की व्यवस्था करने के लिए भी कहा और बाद में उसे 1.28 करोड़ रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया. आरोपी द्वारा दोबारा पैसे मांगने पर सरीन ने पुलिस से संपर्क किया. पुलिस ने कहा कि शिकायत के आधार पर शुक्रवार को अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और आईटी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.

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