नई दिल्ली. जहां एक तरफ दुनिया भर में हुए कोरोना (Corona) का भयंकर कहर की त्रासदी किसी से छिपा नहीं है। आज भले ही भारत सहित कई देशों ने इसकी वैक्सीन बनाने में सफलता हासिल कर भी ली हो। लेकिन आज भी कोरोना महामारी का एक भी मामला स्वास्थ्य एजेंसियों की नींद उड़ा देता है। वहीं दुनियाभर की जांच एजेंसियां कोरोना की उत्पत्ति को लेकर चीन (China) को जिम्मेदार मानती आ रही हैं। ऐसे भी दावा किया जाता रहा कि चीन की वुहान लैब में यह वायरस बनाया गया था।
लेकिन अब अमेरिका की FBI की रिपोर्ट भी यही तस्दीक देता है कि, कोरोना वायरस या महामारी की उत्पत्ति चीन के वुहान में एक प्रयोगशाला में ही हुई है। मामले पर FBI ने अब साफ़ तीत में लिखा कि, FBI के निदेशक क्रिस्टोफर रे ने पुष्टि की कि ब्यूरो के आकलन के अनुसार, कोरोना महामारी की उत्पत्ति चीन के वुहान में एक प्रयोगशाला में हुई घटना से हुई है।
“FBI Director Christopher Wray confirmed that the Bureau has assessed that the origins of the COVID-19 pandemic likely originated from a lab incident in Wuhan, China,” tweeted FBI pic.twitter.com/44hVxap7c0
— ANI (@ANI) March 1, 2023
हालांकि, आज भी चीन इन आरोपों को लगातार खारिज करता रहा है। उसका कहना है कि यह वायरस उसकी लैब में नहीं बना, बल्कि बाहर से आया है। हालांकि, कई जांच एजेंसियों ने ऐसे कई सबूत पेश किए, जिससे पूरा शक तो चीन पर ही जाता है। ऐसे में अब FBI की रिपोर्ट और दलील इस बात की अब पुष्टि भी करती है।
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले कोरोना को लेकर अमेरिका के ऊर्जा विभाग ने एक खुलासे के तहत कहा था कि, सबसे अधिक संभावना इस बात की है कि कोरोना वायरस चीन की एक प्रयोगशाला से उत्पन्न हुआ है। वहीं वॉल स्ट्रीट जर्नल में प्रकाशित इस रिपोर्ट में कहा गया था कि ऊर्जा विभाग का निष्कर्ष नई खुफिया जानकारी का परिणाम है और महत्वपूर्ण है क्योंकि एजेंसी के पास काफी वैज्ञानिक विशेषज्ञता भी है।
इस रिपोर्ट में कहा गया था कि कोरोना वायरस संभवत एक चीनी प्रयोगशाला में दुर्घटना के माध्यम से फैला था। इससे पहले FBI का भी निष्कर्ष था कि 2021 में चीन में एक प्रयोगशाला रिसाव के कारण कोरोना वायरस महामारी उत्पन्न हुई थी। एजेंसी ने अब अइस बात की आधिकारिक पुष्टि कर दी है।
जानकारी हो कि, साल 2019 के अंत में पहली बार कोरोना वायरस की पुष्टि चीनी शहर वुहान में ही हुई थी। इसके बाद से ही इसकी उत्पत्ति के लिए चीन को हमेशा शक की नजरों से ही देखा जाता है। दअअसल, चीन पर पहले भी इस तरह के प्रयोग करने के आरोप लगते रहे हैं। हालांकि, चीन ने हर बार इन संगीन आरोपों को सिरे से खारिज किया है।