नई दिल्ली. जहां एक तरफ चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) के तीसरे कार्यकाल पर भी आज मुहर लग गई। वहीं एक बार फिर राष्ट्रपति उनकी ताकत अब और भी ज्यादा बढ़ गई है।
आज जिनपिंग को चीन के सेंट्रल मिलिट्री कमीशन का अध्यक्ष भी चुन लिया गया है। गौरतलब है कि अक्टूबर 2022 में हुई चाइना कम्युमिस्ट पार्टी (CCP) की बैठक में उन्हें तीसरी बार चीन का राष्ट्रपति चुना गया था।
हालांकि तब उन्होंने कहा था कि, दुनिया के बिना चीन का विकास नहीं हो सकता और दुनिया को भी फिलहाल चीन की जरूरत है। ऐसे में अब आज चीन की संसद नेशनल पीपल्स कांग्रेस की बैठक में जिनपिंग के कार्यकाल पर मुहर लगी है।
2 टर्म की बाध्यता ही कर दी खत्म
जानकारी हो कि यूँ तो जिनपिंग 2012 में सत्ता में आए थे। हालांकि उनसे पहले राष्ट्रपति रहे सभी नेता 5 साल के 2 कार्यकाल या 68 साल की उम्र होने पर रिटायर होते रहे हैं। लेकिन फिर जिनपिंग के सत्ता में रहते हुए साल 2018 में चीन ने राष्ट्रपति पद के लिए दो टर्म की बाध्यता ही खत्म कर दी गई। इसके बाद जिनपिंग अब चीन के सबसे शक्तिशाली नेता बन चुके हैं।
टूटी 40 साल की लंबी परंपरा
शी जिनपिंग को तीसरी बार राष्ट्रपति चुनने के साथ ही अब चीन की कम्युनिस्ट पार्ट का चार दशक पुराना नियम टूट गया। दरअसल साल 1982 से राष्ट्रपति पद का कार्यकाल 10 साल का होता था। लेकिन अब शी को तीसरा कार्यकाल देने के साथ ही ये नियम टूट गया है।
पता हो कि, बीते 5 मार्च को चीन की संसद नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की बैठक की शुरुआत हुई थी। हफ्तेभर चली इस बैठक में शी की कई नीतियों खासकर जीरो कोविड पॉलिसी को लेकर सवाल उठाए गए। हालांकि, शी इन सभी आरोपों से पार पाने में भी सफल हुए।
माओ के बाद सबसे ताकतवर नेता
देखा जाए तो बीते कई दशकों बाद चीन ऐसा नेता मिला है जो माओ के बाद इतना ताकतवर होता हुआ दिखा है। वहीं जिनपिंग से पहले जियांग जेमिन और हू जिंताओ को 10 साल के बाद अपना ऑफिस छोड़ना ही पड़ा था।
लेकिन साल 2018 में जिनपिंग ने संविधान में जो बदलाव किए, उसके के बाद उनके आजीवन शासन का रास्ता ही साफ हो गया था। ऐसे में वे अब चीन के सबसे ज्यादा समय तक राज करने वाले राष्ट्रपति बन चुके हैं।